सुदर्शन चक्र कि शक्तिया

आप् ने भग्वन विश्नु के सुदर्शञ्च्हक्र को तो देखा हि होगा जिस्मे अङ्गिनत शक्तिया हॆ जो कि हमेशा भ् गवन के हातो मे घुमता रह्ता हे वेसे तो भग्वन के सुदर्शन चक्र मे अन्गिनत शक्तिय हे पर हम आपको कुछ शक्तियो के बरे मे बतयेङ्गे जो आप्क्ओ नहि पता होगि

1. सुदर्शन च्क्र कोइ ओर नहि भग्वन विश्नु जि कि कुन्दलिनि शक्ति हे अर्थत वह विश्नु जि का हि एक अभिन्न अङ्ग हे

2. सुदर्शन चक्र को भग्वन विश्नु के अलावा ओर कोइ नहि रोक सक्ता 

3. सुदर्शन चक्र कोइ ओर नहि स्व्यम काल चक्र हे अर्थात वह समय  हे जो कि हमेशा चलता रहता हे आपने जब भि देखा होगा वह केवल घुमता रहता हे भगवन के हतो मे ओर महभरत मे भि क्रिश्न जि ने सुदर्शन जि कि मदद से हि समय को रोका था 

4. सुदर्शन जि  अनन्त समय कि दुरि मात्र 1 पल के करोदो भाग के समय मे पार कर सकते हे


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5. सुदर्शन जि इत्ने छोते हो सक्ते हे कि एक तुल्सि जि के पत्ते पर भि रखे ज सक्ते हे ओर इत्ने बदे हो सकते हे कि पुरे ब्रम्हन्द को भि अप्ने एक छोते से भाग मे नाप ले 

6. सुदर्शन जि को कोइ भि अस्त्र सस्त्र काट नहि सक् ता ओर नहि कोइ ह्र्रा सकता हॆ इस्लिये उनका एक नाम अजेय भि हॆ अर्थत जिसे जिता ना जा सकॆ 

7. सुदरशन जि को एक देवता के रुप मे पुजा जाता हॆ 

8. सुदर्शन च्क्र को जब छोदा जाता हे किसि सस्त्र या अस्त्रा के विरुध तो वह उस अस्त्र या फ़्हिर सस्त्र कि शक्तियो को सोख लेता हे 

9. इन्हे केवल आत्म समर्पन कर रोका जा सकता  हे 


सुदर्शन चक्र क इतिहास 

 हर ग्रन्थ मे सुदर्शन जि के बारे मे अलग अलग कथये प्र्चलित हे 

1.शिव पुरन के अनुसर 
 
शिव जि के पुरन के अनुसर सुदर्शन जि को शिव जि ने दिया था भगवान हरि कॊ राक्शशो का साफ़ाया करने के लिये 

2.वहि ब्रम्ह देव के पुरन मे कहा गया हॆ कि सुदर्शन, त्रिसुल , ओर पुश्पक विमन को सुर्यदेव कि बच्चि हुइ उश्मा से बनया गया था 

3. पर वहि इस्क सतिक जवब हमॆ वीष्नु  जि के पुरान मे मिलता हॆ जीस्म्मे  ब्ताया गया हे कि यह भग्वन विश्नु जि के सथ हि उतपन्न्न हुआ था 

                                                जय श्री हरि 


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